नवरात्रि का पांचवां दिन: मां स्कन्दमाता की पूजा विधि, महत्व और मंत्र

नवरात्रि का पांचवां दिन: मां स्कन्दमाता की पूजा विधि, महत्व और मंत्र 

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कन्दमाता की पूजा विधि, महत्व, कथा और मंत्र जानें। सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए खास जानकारी।


नवरात्रि का पांचवां दिन: मां स्कन्दमाता की पूजा और महत्व/Navratri Panchami Puja

नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कन्दमाता को समर्पित होता है। मां स्कन्दमाता शक्ति का पांचवां रूप हैं और इनकी पूजा से साधक को अपार सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवी स्कन्दमाता को भगवान कार्तिकेय (स्कन्द) की माता कहा जाता है।

Skandmata Puja Vidhi in Hindi

मां स्कन्दमाता का स्वरूप

मां स्कन्दमाता को चार भुजाओं वाली देवी के रूप में दर्शाया गया है। उनके एक हाथ में कमल का फूल, दूसरे में भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) को गोद में लिया हुआ दिखाया जाता है। अन्य दो हाथों से वे भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। मां की सवारी सिंह है, और इन्हें पद्मासिनी भी कहा जाता है क्योंकि वे कमल पर विराजमान रहती हैं।

Skandmata Navratri Day 5

मां स्कन्दमाता की पूजा का महत्व/Skandmata Significance

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कन्दमाता की पूजा करने से:
1.मनुष्य के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
2.भक्त के सभी संकट दूर होते हैं।
3.साधक को ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है।
4.मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।


Navratri Panchami Puja 2025

पूजा विधि/Skandmata Puja Vidhi in Hindi

1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

2. मां स्कन्दमाता की प्रतिमा या तस्वीर को गंगाजल से शुद्ध करें।

3. पीले फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

4. देवी का मंत्र "ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः" का 108 बार जाप करें।

5. अंत में मां की आरती करें और प्रसाद वितरित करें


मां स्कन्दमाता का मंत्र

ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः

इस मंत्र का जाप करने से भक्त के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

Skandmata Story and Significance

स्कन्दमाता की कथा/Skandmata Story

मान्यता है कि मां स्कन्दमाता ने अपने पुत्र कार्तिकेय के माध्यम से राक्षस तारकासुर का वध कराया था। इसलिए इन्हें शक्ति और मातृत्व का अद्भुत संगम माना जाता है।


उपसंहार

नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कन्दमाता की भक्ति में लीन होकर शांति, समृद्धि और मोक्ष की कामना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई पूजा भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति दिलाती है।





Read in English: Navratri Day 5: Worship of Maa Skandmata – Significance, Puja Vidhi & Mantra



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